Monday, April 13, 2009
तिथियों के मामलो में १८० अंश देशांतर वाली रेखा सबसे विचित्र है यदि कोई पत्र डाक द्व्रारा १४ को रेखा के उस पार भेजा जाता है तो वह १४ को ही आपने गतव्य स्थान पर पहुच है पहली जनवरी का पेपर ३१ दिसबर को ही पाठको को मिल जाता है यदि सड़क के इस पर शनिबार तो दूसरी तरफ मंगलवार होगा यदि कोई विमान इस स्थान से गुजरता है तो विमान यात्रियों को रात १२ बजे याद दिलाया जाता है अभी तक मंगलवार था अचानक गुरुवार हो गया अर्थात बुधवार बीच से गायब हो गया कुछ लोग इसे कपोल कल्पना समझते है किन्तु यह सच है तिथियों की ऐसी भूल भूलैया वाली रेखा को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा कहते है विचित्रताओं से भरी इस अंतरराष्ट्रिय रेखा का भरपूर लाभ विश्व में गति का रिकार्ड बनाने वाले लोग करते है वे इस रेखा को पूर्व दिशा से पार करके पश्चिम में जाते है जिससे उन्हें एक दिन का लाभ मिल जाया है यह रेखा पूरे विश्व में उत्तरी ध्रुव से दक्षिण तक है आंतर्राष्ट्रीयतीथी रेखा मुख्यत: प्रशांत महा सागर से होकर गुजरती है इस का अधिकतर भाग जल के ऊपर है केवल प्रशांतमहासागर में स्थिति छोटे छोटे दीपो को पार करती है कुछ मुख्य स्थान जहा से होकर या आस पास से होकर यह रेखा निकलती है जैसे न्यूजीलैड फिजी समोया टोगा पूर्वी साइबेरिया के कुछ हिस्से अल्युशिया दीप (स. रा. अ.)अब प्रश्न उठता है की किस देश को विश्व का पूर्वत्तर स्थान जाये दुसरे शब्दों में की संसार में किस देश में सबसे पहले सूर्य निकलता है ऊपर दिए गए तथ्यों से स्पष्ट होता है ,की यदि ग्रीनविच देशात्तर को समय का माप का आधार मन जाये तो अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को ही ऐसा स्थान मन जाता है जहा पर सूर्य अपना पहला प्रकश डालता है इस प्रकार कहा जाता है की सूर्योदया का देश जापान कहा जाया है पर ऐसा नहीं है वास्तब में सूर्योदय का देश किरीबाती है जहा पर नई तारीख की पहली रोशनी पहली बार आती है इसके बाद सूरज फिजी तथा न्यूजीलैंड पहुचता है अगले एक दो घंटे में आस्ट्रेलिया पहुचता है तथा तीसरे घंटे में जापान में पहुचता है हमारे देश में सूरज ६:३० घंटे बाद पहुचता है लन्दन में यह सूरज १२ घंटे बाद पहुचता है सूरज लन्दन में जब पहली रोशनी डालता है उसी समय न्यूजीलैंड में सूरज ढलता हुआ दिखाई देता है तथा १२ घंटे बाद हवाई दीप तथा २४ घंटे बाद कुक दीप समूह में पहुचता है इस प्रकार जब सूरज १५ अगस्त का सूरज कुक दीप में उजाला करेगा उसी समय १६ अगस्त के रूप में न्यूजीलैड में उगता है जबकि कुक दीप तथा न्यूजीलैड जो केवल कुछ सो किलोमीटर पर ही स्थिति है अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के बीच में आने से २४ घंटे का अंतर महसूस होता है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
प्रिय बन्धु / आदरणीय देवी जी /scientist
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आपका लेखन
आज कल तो लिखने पढने वालो की कमी हो गयी है ,ऐसे समय में ब्लॉग पर लोगों को लिखता-पढता देख बडा सुकून मिलता है लेकिन एक कष्ट है कि ब्लॉगर भी लिखने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जबकि पढने पर कम .--------
नई कला, नूतन रचनाएँ ,नई सूझ ,नूतन साधन
नये भाव ,नूतन उमंग से , वीर बने रहते नूतन
शुभकामनाये
जय हिंद
BAHUT ACHHI JANKARI
ReplyDelete